सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने सहकारी आर्थिक ढांचे के जरिए असमानता को कम करने हेतू वैश्विक सहमति बनाने के विषय पर धर्मशाला के मैक्लोडगंज में शुक्रवार को आरंभ एशिया पेसिफिक सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस सम्मेलन का आयोजन कान्फेडरेशन आफ एनजीओएस आफ रुरल इंडिया द्वारा किया जा रहा है।

आठवले ने कहा कि देश के जिस हिस्से में बारिश अधिक होती है उस क्षेत्र में डैम का निर्माण किया जा सकता है, जिससे की पानी को रोक कर खतों में सिंचाई को पेयजल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। डैम बनाने से किसानों को सूखे का सामना नहीं करना पड़ेगा और फसलों को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा। किसानी से बेरोजगारी कम करने में मदद मिल सकती है। 

देश के जिन क्षेत्रों में बारिश के कारण नदियों में ज्यादा बाढ़ आती है उन नदियों के बहाव को अन्य नदियों के साथ जोडऩे की योजना तैयार करनी होगी। ऐसा करने से लोगों के घरों, जमीनों, सडक़ों आदि को नुकसान नहीं होगा। किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कोऑपरेटिव सेक्टर में बढ़ावा देना होगा। अगर देश का किसान सशक्त होगा कभी देश तरक्की कर सकेगा। इसके अतिरिक्त किसान अपनी आय को बढ़ाने के लिए किसानी के साथ-साथ डेयरी फार्मिंग और मुर्गा पालन जैसे व्यवसाय भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों का जीवन बेहतर करने के लिए कई योजनाएं शुरू कर रही है।

अपने धर्मशाला दौरे को लेकर अठावले ने कहा कि तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के साथ अच्छे संबंध है। मैक्लोडंगज में उनके निवास स्थान पर उनसे मिलकर उनका आशीर्वाद लेना था, लेकिन उनकी तबीयत खराब होने के कारण वह उनसे मिल नहीं सके।

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