आज यानि 19 अगस्त को पूरे देश मेँ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन के पावन पर्व में भद्रा को बहुत ही महत्व दिया जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता हैँ कि भद्रा में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसलिए, इस काल में राखी भी नहीं बांधनी चाहिए। इस साल रक्षा बंधन मेँ राखी बाँधने का सही समय दोपहर 1:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक होगा।
रक्षाबंधन पर्व का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, जो न केवल एक धागा होता है, बल्कि भाई-बहन के बीच के प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक भी है।
रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को सुदृढ़ करने का अवसर होता है। इस दिन बहनें अपने भाई के हाथों में राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और खुशी की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार और अपनी रक्षा का वचन देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के बंधन को और मजबूत बनाता है और परिवार में प्रेम व एकता को बढ़ावा देता है।
रक्षाबंधन केवल एक व्यक्तिगत रिश्ता नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संबंधों को भी दर्शाता है। रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है। यह एक भावना है, जो भाई-बहन के रिश्ते को अटूट बनाती है। भाई चाहे कितनी दूर क्यों न हों, इस दिन वे अपनी बहन के पास पहुँचते हैं, जिससे एकजुटता और प्रेम का अहसास होता है।
रक्षासूत्र का मंत्र है-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र मैं तुम्हें बांधती हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा, हे रक्षा तुम स्थिर रहना, स्थिर रहना। ऐसी मान्यता हैँ कि पूजा के समय पुरोहित और कलाई पर राखी बांधते समय बहन इस मंत्र को बोलती हैं।