शरण कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वुमन में “पर्यावरण संरक्षण, महिलाएँ और अहिल्याबाई होल्कर के दृष्टिकोण पर पुनर्विचार” विषय पर एक व्यख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान महान समाज सुधारक और आदर्श प्रशासक महारानी अहिल्याबाई होल्कर की जीवन दृष्टि को आधुनिक संदर्भों में पुनः समझने का प्रयास था, जिसमें पर्यावरणीय संतुलन, महिला सशक्तिकरण और समावेशी शासन के बारे में चर्चा की गई। इस व्याख्यान को डॉ. मोनिका ने प्रस्तुत किया। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर के पर्यावरण के प्रति दृष्टिकोण, जल-संरक्षण के प्रयास, वृक्षारोपण, और जनकल्याण के कार्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि वे अपने समय की दूरदर्शी पर्यावरणविद थीं। डॉ. मोनिका ने इस बात पर बल दिया कि परंपरागत ज्ञान और वर्तमान टिकाऊ विकास नीतियों का समन्वय आवश्यक है, और इस दिशा में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर सेवा भारती की किशोरी विकास प्रांत प्रमुख श्रीमती सुमन सैनी जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेते हुए महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और पर्यावरणीय आंदोलनों में उनकी प्रभावी भूमिका पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में बीएड कॉलेज की सहायक आचार्य मोनिका जी, लता जी सहित कॉलेज की अन्य सभी प्राध्यापिकाओं की भी सक्रिय उपस्थिति रही, जिन्होंने व्याख्यान की सार्थकता को और भी गहन बनाया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती सुमन शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने डॉ. मोनिका और सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान न केवल ज्ञानवर्धक होते हैं, बल्कि छात्राओं में सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना जागृत करने का भी कार्य करते हैं।

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