धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) ने अपनी स्पर्श शीर्ष समिति एवं महिला अध्ययन और विकास केंद्र एवं हिमाचल सशस्त्र पुलिस एवं प्रशिक्षण, हिमाचल प्रदेश पुलिस, शिमला के सहयोग से 10 दिवसीय स्वरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह प्रशिक्षण 21 अप्रैल से 2 मई तक प्रतिदिन दो घंटे के लिए विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों – धर्मशाला, शाहपुर और देहरा – में आयोजित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का आयोजन माननीय कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल के मार्गदर्शन में किया गया है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी विभागों की छात्राएं सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। प्रशिक्षण का नेतृत्व हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा नियुक्त प्रशिक्षक कर रहे हैं। धर्मशाला परिसर में सीटी लकी एवं एलसी काजल (2nd IRBn, सकोह) छात्राओं को स्वरक्षा के विभिन्न आयामों में प्रशिक्षित कर रही हैं।
कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. सूर्य रश्मि रावत, अध्यक्ष, स्पर्श शीर्ष समिति एवं महिला अध्ययन और विकास केंद्र हैं, जिनके नेतृत्व में यह पहल तीनों परिसरों में क्रियान्वित हो रही है। धर्मशाला परिसर में उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता डीन (शैक्षणिक) प्रो. प्रदीप कुमार ने की। इस अवसर पर प्रो. आशीष नाग (परिसर निदेशक), डॉ. अर्चना कटोच (समन्वयक, परिसर शिकायत समिति) उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अन्य गणमान्य शिक्षकगण डॉ. अदिति शर्मा, डॉ. अल्का, डॉ. रुचि, डॉ. मोनिका, और डॉ. उदय भान ने भी सहभागिता की।
आधुनिक समाज में महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर अनेक सवाल उठते हैं। आत्मरक्षा (Self-defence) का प्रशिक्षण उन्हें न केवल अपनी सुरक्षा स्वयं करने का आत्मबल देता है, बल्कि आत्मविश्वास, मानसिक मजबूती और निर्णय क्षमता भी बढ़ाता है। यह प्रशिक्षण विशेष रूप से छात्राओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अक्सर कॉलेज, कार्यस्थल और सार्वजनिक परिवेश में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों और खतरों का सामना करती हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर यह पहल न केवल छात्राओं की भलाई के लिए आवश्यक है, बल्कि यह एक सशक्त, जागरूक और सुरक्षित समाज के निर्माण की दिशा में भी एक प्रभावशाली कदम है।