हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला धौलाधार परिसर-1 के पंजाबी एवं डोगरी विभाग द्वारा ‘संभाल लो मापे, रब मिल जाएगा आपे’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक अविनाश राय खन्ना ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की और अपने विचार साझा किए।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के पंजाबी एवं डोगरी विभाग द्वारा ‘संभाल लो मापे, रब मिल जाएगा आपे’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक अविनाश राय खन्ना ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की और अपने विचार साझा किए। यह संगोष्ठी पारिवारिक मूल्यों, सामाजिक सरोकारों और वर्तमान समय में मानवीय रिश्तों की अहमियत पर केंद्रित रही। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को अपने माता-पिता, परिवार और पारंपरिक मूल्यों के प्रति जागरूक करना था, ताकि समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और आत्मकेंद्रित प्रवृत्ति पर विचार विमर्श हो सके।
परिवारों में बुजुर्गो की एहमियत को समझें युवा : प्रो. सत प्रकाश बंसल
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में कुलपति प्रो. बंसल ने कहा कि आज के बदलते दौर में युवाओं के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने परिवारों में बुजुर्गों की अहमियत को समझें और उन्हें सम्मान दें। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग किसी भी परिवार की जड़ों की तरह होते हैं, जिनसे जीवन के अनुभव, संस्कार और जीवन जीने की सीख मिलती है। यदि युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों के अनुभवों से मार्गदर्शन लेगी, तो वह जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ सकेगी।
कार्यक्रम का संचालन पंजाबी और डोगरी विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नरेश कुमार ने किया, जबकि सह-समन्वयक की भूमिका डॉ. हरजिंदर सिंह ने निभाई।
संगोष्ठी में विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और समाज में पारिवारिक मूल्यों की पुनर्स्थापना पर चर्चा की गई।