देहरा (हिमाचल प्रदेश), 28 अप्रैल 2025 — केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के देहरा स्थित सप्त सिंधु परिसर में सेंटर फॉर कश्मीर स्टडीज़ द्वारा आज “रेडिकल इस्लाम, वायलेंस और टेरेरिज़म इन जम्मू-कश्मीर” विषय पर एक महत्त्वपूर्ण इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ कश्मीर अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो. आभा चौहान के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बढ़ते उग्रवाद के सामाजिक, राजनीतिक और वैचारिक आयामों पर विमर्श की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम संयोजक प्रो. मलकीत सिंह ने सत्र की मुख्य थीम का परिचय कराते हुए रेडिकल इस्लाम, हिंसा और आतंकवाद के जटिल राजनीतिक तथा क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य को रेखांकित किया।

इस सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. जगमीत बावा ने की। मुख्य वक्ताओं में सेंटर फॉर कश्मीर स्टडीज़ के डॉ. अजय कुमार ने “पाकिस्तान प्रायोजित इस्लामी आतंकवाद का नैरेटिव” विषय पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार प्रोपेगेंडा और उग्रवाद के ज़रिए क्षेत्र में अस्थिरता फैलाई जाती रही है।

इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. कंवर चंदरदीप सिंह ने “जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का ऐतिहासिक विश्लेषण” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार समय के साथ आतंकवाद के स्वरूप, रणनीति और लक्ष्यों में परिवर्तन आया है।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में एक प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रो. आभा चौहान, प्रो. निरुपमा सिंह, प्रो. जगमीत बावा, प्रो. कंवर चंदरदीप सिंह और डॉ. अजय कुमार ने प्रतिभागियों के सवालों का उत्तर दिया।

पूरे सत्र का कुशल मंच संचालन सेंटर फॉर कश्मीर स्टडीज़ के शोधार्थी हरिओम कोचर ने किया।

यह कार्यक्रम न केवल अकादमिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि जम्मू-कश्मीर में शांति एवं स्थिरता की दिशा में विमर्श को भी एक नई दिशा देने का प्रयास साबित हुआ।

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